श्रीलक्ष्मी
जब भी तुमको देखूँ मन भर जाता है
तुम्हारी मुस्कुराहट से चाँदनी की
रोशनी नज़र आता है।
वो भी सुबह की किरणों की होते हुए।
जब तुम रुट जाती हो
और अच्छी लगती है
कुछ शरारत करती फिर भी
प्यारी है हमारी तू
तेरी नाम से अच्छी लगती है।
तेरी चेहरे से आनंद मिलती है
उसकी नाम सुनना चाहती हो ,
तो सुनिए वो है श्रीलक्ष्मी।
जब भी तुमको देखूँ मन भर जाता है
तुम्हारी मुस्कुराहट से चाँदनी की
रोशनी नज़र आता है।
वो भी सुबह की किरणों की होते हुए।
जब तुम रुट जाती हो
और अच्छी लगती है
कुछ शरारत करती फिर भी
प्यारी है हमारी तू
तेरी नाम से अच्छी लगती है।
तेरी चेहरे से आनंद मिलती है
उसकी नाम सुनना चाहती हो ,
तो सुनिए वो है श्रीलक्ष्मी।