Friday 16 October 2020

 दिलों की डोर

वह  जिंदगी ही क्या जिसमे दुःख न हो 

सुख दुःख की मिश्रण को ही जिंदगी कहती है

मगर वोह दुःख अगर अपनों से मिले 

वही सबसे बड़ा दुःख बन जाते है 

जिस दिल से दिल की डोर बाँधी थी 

उस डोर अगर टूट जाए तो

उसके साथ दिल भी टूट जाते है 

मगर अफ़सोस ये है की 

उस दर्द न मिटते है 

जो उस दिल की रखवाले ने दिया था 

महफूज़ रखने की वादा देकर 

खुद थोडके रख दिया 

उस उम्मीद और रिश्ते की डोर को 

जो दो दिलों से बाँधी थी ||

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